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नौरादेही: Cheetah का तीसरा घर – UPSC

इस लेख में आप पढ़ेंगे: नौरादेही: Cheetah का तीसरा घर – UPSC / Nauradehi / Cheetah

Project Cheetah (2022) के अंतर्गत चीता स्थानांतरण परियोजना के तहत मध्य प्रदेश स्थित कुनो राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य पहले ही चीतों का घर बन चुके हैं। इन दोनों स्थलों पर शेर और बाघ जैसे शीर्ष शिकारी जानवर (apex predators) मौजूद नहीं थे। तेंदुओं को वहाँ से हटा दिया गया और शाकाहारी जानवरों को लाया गया ताकि चीतों को शिकार करने और संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा किए बिना खुद को स्थापित करने की जगह मिल सके।

अब मध्य प्रदेश राज्य सरकार नौरादेही में राज्य के सबसे बड़े वन्यजीव अभयारण्य को चीतों के तीसरे घर के रूप में तैयार कर रही है। यहाँ स्थिति कुछ अलग है:

नौरादेही की सबसे बड़ी खूबी उसकी सीमाओं के भीतर नहीं, बल्कि उसके पार हैं। यह अभयारण्य पन्ना टाइगर रिज़र्व और सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के लिए एक गलियारे (corridor) का काम करता है, जबकि रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य के ज़रिए बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व को जोड़ता है

किसी पारिस्थितिकी तंत्र की वहन क्षमता क्या है? Carrying capacity of an ecosystem

किसी पारिस्थितिकी तंत्र की वहन क्षमता किसी प्रजाति की अधिकतम जनसंख्या है जिसे वह पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए बिना अनिश्चित काल तक बनाए रख सकता है। यह भोजन, पानी और आश्रय जैसे संसाधनों की उपलब्धता के साथ-साथ अपशिष्ट अवशोषण (waste absorption), जलवायु और शिकारियों जैसे अन्य कारकों से निर्धारित होती है। जब जनसंख्या वहन क्षमता से अधिक हो जाती है, तो इससे पर्यावरणीय क्षरण और संसाधनों की कमी के कारण प्रजाति की जनसंख्या में गिरावट आ सकती है।

Cheetah