नीलामी का सिद्धांत (Auction Theory) – UPSC

नीलामी का सिद्धांत (Auction Theory) – UPSC

  • Post category:Economy / Prelims
  • Reading time:1 mins read

इस लेख में आप पढ़ेंगे : नीलामी का सिद्धांत (Auction Theory) – UPSC

वर्ष 2020 में अर्थशास्त्र का नोबेल प्राइज (Sveriges Riksbank Prize in Economic Sciences) नीलामी के सिद्धांत के लिए रॉबर्ट बी विल्सन (Robert B Wilson) और पॉल आर मिलग्रॉम (Paul R Milogram) को दिया गया है।

निसंदेह नीलामी से ही किसी वस्तु के मूल्य की खोज होती है। जब किसी वस्तु की नीलामी की जाती है तो उसका परिणाम तीन कारकों पर निर्भर करता है :

1. नीलामी का नियम

यदि नीलामी के नियम की बात करें तो, यह बोली लगाने वाले के व्यवहार को प्रभावित करता है जैसे अगर दो नीलामी में एक में खुली नीलामी और दूसरे में बंद सील में नीलामी का नियम हो तो दोनों के लिए जो बोली लगाएगा उस व्यक्ति का व्यवहार अलग-अलग होगा

2. जो वस्तु एवं सेवाएं नीलाम होनी है

यह वस्तु और सेवाओं पर भी निर्भर करता है कि उसकी बोली कितनी लगेगी। ऐसा भी देखा गया है कि नीलामी में कुछ वस्तुओं का मूल्य लगाना आसान होता है। अधिकतर तब ऐसा होता है जब समान प्रयोग या उपयोग के लिए किसी वस्तु का इस्तेमाल किया जाता है जैसे स्पेक्ट्रम की नीलामी में इसकी वैल्यू का अनुमान लगाना आसान हो जाता है, क्योंकि सारी कंपनियों का मकसद अधिकतर एक जैसा ही होता है और इस वैल्यू को कॉमन वैल्यू (Common Value) कहा जाता है।

लेकिन किसी-किसी वस्तु कि नीलामी के लिए उसके मूल्य का अनुमान लगाना आसान नहीं होता है जैसे पेंटिंग की नीलामी। ऐसा भी हो सकता है कि यदि P व्यक्ति के लिए उस पेंटिंग की वैल्यू Q व्यक्ति से ज्यादा हो। इस प्रकार के वैल्यू को प्राइवेट या पर्सनल वैल्यू भी कहा जाता है। इस प्रकार के वस्तु की नीलामी में मूल्य का अनुमान लगाना काफी मुश्किल है क्योंकि व्यक्ति पेंटिंग खरीदने के लिए ज्यादा भी मूल्य चुका सकता। जो व्यक्ति नीलामी में बोली लगाता है अक्सर वह अपनी कॉमन ओरे प्राइवेट वैल्यू को ध्यान में रखता है।

3. अनिशिचतता

इससे मतलब है कि जो व्यक्ति बोली लगा रहा है नीलामी में उसके पास वस्तुओं से संबंधित सूचनाओं के बारे में अभाव या अनिशिचतता हैं। पॉल आर मिलग्रॉम के अनुसार यदि बोली लगाने के समय पर बोली लगाने वाले एक-दूसरे की अनुमानित मूल्य का पता लगा लेते हैं तो विक्रेता को अधिक अनुमानित पैसा मिल जाता है।

Winner’s curse क्या है ?

यह एक नीलामी जीतने की प्रव्रति है। इसमें जो बोली लगाता है, वह वस्तु के वास्तविक मूल्य से अधिक मूल्य लगाकर उस वस्तु को खरीद लेता है। इस केस में जो व्यक्ति ज्यादा बोली लगाता है, वह जीत जाता है परन्तु देखा जाए तो हकीकत में उसे नुक्सान या हानि होती है। रॉबर्ट बी विल्सन ने यह भी बताया कि Winner’s curse के कारण या इसके भय के कारण बोली लगाने वाले समझदार लोग (Rational Bidders) अपनी अनुमानित मूल्य या वैल्यू से भी कम पर बोली लगाते हैं

दूसरी तरफ देखे तो पॉल आर मिलग्रॉम ने नीलामी के बारे में एक ऐसे सामान्य सिद्धांत का विकास किया जो दोनों, अर्थात कॉमन वैल्यू और प्राइवेट वैल्यू को स्वीकार करता है।