भूतलक्षी कर (Retrospective Tax) – UPSC

भूतलक्षी कर (Retrospective Tax) – UPSC

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इस लेख में आप पढ़ेंगे : भूतलक्षी कर (Retrospective Tax) – UPSC

भारत सरकार ने 2012 के बजट में रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (Retrospective Taxation) लागू किया था, जिसके तहत 1962 के बाद किसी भी विलय और अधिग्रहण (Mergers and acquisitions) पर टैक्स देना अनिवार्य कर दिया गया यदि कंपनी की संपत्ति भारत में स्थित है| रेट्रोस्पेक्टिव टैक्सेशन वह कानूनी प्रक्रिया है जिसे किसी देश की सरकार कानून पास होने की तारीख से पहले लागू करती है। सरकार ऐसा इसलिए करती है ताकि टैक्स डिपार्टमेंट को टैक्स वसूली में आसानी हो।

भारत सरकार और केयर्न एनर्जी (Cairn Energy) के बीच टैक्स विवाद :

2006-07 में, आंतरिक पुनर्व्यवस्था के तहत, केयर्न यूके ने केयर्न इंडिया होल्डिंग्स के शेयरों को केयर्न इंडिया को हस्तांतरित कर दिया था। हालांकि बाद में भारत सरकार ने वर्ष 2012 के बजट में रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स (Retrospective Taxation) लागू किया, जिसके तहत 1962 के बाद किसी भी विलय और अधिग्रहण (Mergers and acquisitions) पर टैक्स देना अनिवार्य कर दिया गया। इस संबंध में भारत सरकार के आयकर अधिकारियों ने केयर्न यूके पर पूंजीगत लाभ (Capital Gains) के एवज में 24,500 करोड़ रुपये की कर मांग की। जिसे केयर्न कंपनी ने देने से इनकार कर दिया।

इसके बाद केयर्न कंपनी ने हेग में स्थित मध्यस्थता के स्थायी न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) में वाद दायर किया , जहाँ भारत सरकार को हार सहनी पड़ी। हेग में स्थित मध्यस्थता के स्थायी न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) ने केयर्न एनर्जी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि भारत द्वारा पूर्वव्यापी कर (Retrospective Tax) लगाना अनुचित है। अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने भारत सरकार को यह भी कहा है कि कंपनी का जो फंड सरकार के पास है वह ब्याज सहित कंपनी को वापस किया जाए।हाल ही में फ्रांस में भारतीय संपत्तियों को जब्त करने हेतु, केयर्न कंपनी ने फ्रांस की अदालत को हेग में स्थित मध्यस्थता के स्थायी न्यायालय (Permanent Court of Arbitration) के निर्णय का ही हवाला दिया है।

सर्वविदित है केयर्न एनर्जी ,यूरोप की प्रमुख स्वतंत्र तेल और गैस अन्वेषण और विकास कंपनियों में से एक है। जो , लंदन स्टॉक एक्सचेंज में प्राथमिक सूची में सूचीबद्ध है और यह एफटीएसई 250 इंडेक्स का एक घटक है।

मध्यस्थता के स्थायी न्यायालय (Permanent Court of Arbitration)

1899 में संधि द्वारा स्थापित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय, एक अंतर-सरकारी संगठन है जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को विभिन्न प्रकार के विवाद समाधान सेवाएँ प्रदान करता है। यह नीदरलैंड के हेग में स्थित है।

NOTE –

  • हाल ही में सरकार ने आयकर अधिनियम के प्रावधानों को रद्द करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश किया है। इस विधेयक ने विवादास्पद पूर्वव्यापी कर (retrospective tax) कानून को समाप्त कर दिया है जिसने वोडाफोन और केयर्न जैसे विदेशी निवेशकों के विश्वास को प्रभावित किया है।
  • वोडाफोन मामला – वोडाफोन ने 2007 में हच ( Hutchison Whampoa Ltd) को खरीद कर भारतीय बाजार में एंट्री की थी। वोडाफोन ने हच मे 67 फीसदी हिस्सेदारी उस समय 11 अरब डॉलर में खरीदी थी। इस डील में हच का इंडियन टेलिफोन बिजनस और अन्य असेट शामिल हैं। उसी साल सरकार ने वोडाफोन से कहा कि उसे कैपिटल गेन और विद होल्डिंग टैक्स के रूप में 7990 करोड़ रुपये चुकाने होंगे। ऐसे में वोडाफोन को पेमेंट से पहल यह पैसा टैक्स के रूप में काट लेना चाहिए।