इस लेख में आप पढ़ेंगे : हीट डोम (Heat Dome) – UPSC
- हीट डोम की स्थिति तब उत्पन्न होती है जब वायुमंडल गर्म समुद्री हवा को ढक्कन की तरह ढंक लेता है।
- यह घटना उस समय होती है जब समुद्र के तापमान में बहुत ज्यादा बदलाव आता है। इसकी वजह से समुद्र की गर्म सतह ज्यादा गर्म हवाओं को ऊपर उठने को मजबूर करती हैं जिसे कन्वेक्शन / संवहन कहा जाता है।
- वायुमंडल का उच्च दबाव और जेट स्ट्रीम्स गर्म हवा को नीचे की ओर धकेलता है। इसके चलते गर्म हवा वातावरण में फैलने लगती है, और वह गर्म चैंबर की तरह काम करने लगती है।
- उच्च दबाव की वजह से बादल भी ढक्कननुमा डोम से दूर धकेल दिए जाते हैं और नीचे हवा सिकुड़ती है और लू चलने लगती है।
- अभी जो कनाडा और अमेरिका के एक हिस्से में तापमान कहर बरपा रहा है, उसके पीछे एक्सपर्ट आर्कटिक के ऊपर बने उच्च दबाव वाले वायुमंडलीय विक्षोभ को वजह बता रहे हैं, जिसके चलते तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
हीट डोम का प्रभाव
- हीट डोम की स्थिति में जो लोग बिना एयर कंडिशनर के रहते हैं, उनके लिए अत्यधिक तापमान को झेलना नामुमकिन होने लगता है और अचानक मौतों का सिलसिला शुरू हो जाता है, जैसा कि कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्से में देखने को मिला है।
- इसके चलते फसल भी बर्बाद हो सकते हैं और हरियाली खत्म हो सकती है, जिससे अकाल की स्थिति पैदा हो सकती है। प्रचंड गर्मी के चलते ऊर्जा की मांग भी बढ़ जाती है।
- यही नहीं जलवायु की यह घटना जंगल के आग के लिए भी जिम्मेदार हो सकती है, जिसके चलते अमेरिका की काफी हरी जमीन हर साल बर्बाद हो जाती है।